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हिंदी भाषी राज्यो के सभी परीक्षाओ में उपयोगी

जयदेव 

     गीत- गोविंद, ललित विग्रह राज (नाटक), प्रसन्न राधव,
     हरकेली (नाटक), 

रुप गोस्वामी

    गंगाधर, विदाध माधव, ललित माधव, 

सारंगधर

   हम्मीद रासो, हम्मीर काव्य

बाणभट्ट

    हर्ष चरित्र, कादम्बरी

राजशेखर

   काव्य मिमांसा, कर्पूरमंजरी,

कालीदास

   अभिज्ञान शकुन्तलम् , रधुवंशम् , कुमार संभवम् ,मेघदूतम,
   ऋतुसंहार

तुलसीदास

   रामचरित मानस, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा, दोहावली
    कवितावली

सूरदास

   साहित्य लहरी , सूर सागर

प्रेमचंद

   मानसरोवर, गवन, गोदान,रंगभूमि, प्रेमाश्रम, कर्वला, कफन
   बूढ़ी काकी, सेवा सदन, काया कल्प

रविन्द्र नाथ टैगोर

   गोरा, गीतांजलि, पोस्ट ओफिस, चित्रा

मैथिली शरण गुप्त

    भारत-भारती, यशोधरा, साकेत

जशंकर प्रसाद

    चन्द्रगुप्त, आंसू , कंकाल ,आकाश दीप, तितली, कामायनी
    अजातशत्रु , स्कन्दगुप्त, प्रेम-पथिक

सुमित्रानंदन पंत

    गुजंन, चिदम्बरा, ज्योत्सना, युगवाणी, स्वर्णाधूल

महादेवी वर्मा

    दीपशिखा, नीरजा, यामा, स्मृति की रेखाएं ,अतित का
    चलचित्र,

रामधारी सिंह दिनकर

    संस्कृति के चार अध्याय, परशुराम की प्रतिक्षा, हुकार, गीत
    उर्वशी, रेणुका, कुरुक्षेत्र, हारे को हरिनाम, रश्मिरथी

हरिवंश राय बच्चन

    मधुशाला, मधुबाला, निशा निमंत्रण

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

     परिमल, नये पत्ते, अनामिका, अपरा

भारतेंदु हरिश्चंद्र

      भारत दुर्दशा, प्रेम माधुरी, सत्य हरिश्चंद्र (नाटक)

धर्मवीर भारती

     सूरज का सातवां घोड़ा, अंधायुग, गुनाहों का देवता, कणु
       प्रिया,

रामवृक्ष बेनीपुरी

    पत्तियों का देश, जंजीर और दीवार, आम्रपाली, गेहूं और
    गुलाब,

बंकिम चन्द्र चटर्जी

   आन्नदमठ, कपाल कुण्डल, दुर्गेश नन्दिनी

पं.रामचन्द्र शुक्ल

     चिंतामणि, रसमीमांसा, त्रिवेणी

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वर्ण- वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते है, जिसके खंड या टुकड़े नहीं हो सकते हैं। जैसे - अ,आ,इ,ई,क्,ख्,य्,र् आदि ।                           वर्णमाला वर्णों के क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में 52 वर्ण या ध्वनियाँ प्रयुक्त होता हैं - 1.अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ - स्वर (11)  अं (अनुस्वार ),अः (विसर्ग ) - अयोगवाह (2) 2.'क ' से लेकर ' म ' तक को " स्पर्श व्यंजन ".कहते हैं।  य,र,ल,व  -  अंतःस्थ व्यंजन ( 4 )  श,ष,स,ह  - ऊष्म व्यंजन  ( 4 )  क्ष,त्र,ज्ञ,श्र - संयुक्त व्यंजन ( 4 ) ड़ , ढ़      -  हिन्दी के अपने व्यंजन ( 2 ) नोट - व्यंजन वर्णों में उच्चारण कि सुविधा के लिए 'अ' स्वर मिला कर लिखा जाता हैं। इनके शुद्ध रूप - क्,ख्,ग् आदि । वर्ण का भेद - वर्ण के दो भेद हैं - (a) स्वर और  (b)व्यंजन (a) .स्वर वर्ण - स्वर उन वर्णौं को कहते हैं, जिनका उच्चारण स्वतः होता हैं। जैसे - अ,आ,इ,ई (क) ह्रस्व - अ,इ,उ एवं ऋ ह्रस्व स्वर हैं। इन्हें मूल...

संधि

1.संधि - दो अक्षरों के आपस में मिलाने से उनके रूप और उच्चारण में जो परिवर्तन होता हैं उसे संधि कहते हैं, जैसे - गण +ईश = गणेश 2.संधि-विच्छेद -जिन अक्षरों के बीच संधि हुई हैं यदि उन्हें संधि के पहले वाले रूप में अलग अलग करके रखा जाए तो उसे संधि-विच्छेद कहते हैं। जैसे -  गणेश - गण+ईश संधि के तीन भेद होता हैं- (क) स्वर संधि ,(ख) व्यंजन संधि ,(ग) विसर्ग संधि (क) स्वर संधि : दो स्वरों के आपस में मिलने से जो रुप परिवर्तन होता हैं, उसे स्वर संधि कहते हैं। जैसे - भाव+अर्थ = भावार्थ (एक भाव शब्द के 'व' का 'अ' दूसरा अर्थ शब्द का 'अ' मिलकर भावार्थ शब्द के 'वा' का 'आ' बनाते हैं)  स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं - (a).दीर्घ संधि - ह्रस्व स्वर (अ,इ,उ) या दीर्घ स्वर (आ,ई,ऊ) के आपस में मिलने से यदि सवर्ण या उसी जाति के दीर्घ स्वर की उतप्ति होता हो उसे दीर्घ स्वर कहते हैं। जैसे -पुस्तक+आलय =.पुस्तकालय (अ+आ =आ)      भाव+अर्थ = भावार्थ  (अ+अ =आ) (b).गुण संधि - यदि अ या आ के बाद इ/ई,उ/ऊ.अथवा ऋ स्वर आता हैं तो दोनों के मिलने से क्रमशः 'ए' ,'...

राष्ट्रीय आय /National Income

आय - कोई व्यक्ति जब कोई शारिरिक या मानसिक कार्य करता है और उसके लिए उसे आर्थिक भुगतान अथवा परिश्रमिक मिलता हैं, आय कहलाता है। 1.राष्ट्रीय आय और प्रतिव्यक्ति आय की गणना करने का प्रथम प्रयास किसने किया - दादाभाई नौरोजी 2. property and un-British Rule in India के लेखक कौन थे - दादा भाई नारौजी 3.सर्वप्रथम किस अर्थशास्त्री उत्पाद गणना विधि और आय   गणना विधि के आधार पर राष्ट्रीय आय प्रस्तुत की - V.K.R.राव 4.स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात केंद्रीय सरकार ने राष्ट्रीय आय समिति की स्थापना कब और इसके अध्यक्ष कौन थे - 4 अगस्त 1949  मे P.C. महालनोबिस कि अध्यक्षता मे 5.राष्ट्रीय आय समिति ने अपना प्रथम और अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की - प्रथम 1951 मे एवं अंतिम 14 फरवरी1955 में 6.राष्ट्रीय आय का आंकलन कौन करता है - केन्द्रीय   सांख्यिकी संगठन (CSO) 7.केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन कि गठन कब हुआ - 2 मई 1951 मे 8.CSO का मुख्यालय कहाँ  है - दिल्ली 9.उद्योग क्षेत्र मे सर्वे और सांख्यिकी कार्यों हेतु केन्द्रीय साख्यिकी संगठन की शाखा कहा स्थित हैं - कलकत्ता 10.किसी देश के अर्थव...