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जीव विज्ञान की कुछ प्रमुख शाखाएं

1.अरबोरीकल्चर - सजावटी वृक्षों के उत्पादन संबंधित विज्ञान
2.आइकोनोलाँजी - जीवाश्म पदचिन्हों का अध्ययन
3.एटियोलाँजी - रोगों के उपचार के ज्ञान से संबंधित विज्ञान
4.एग्रोबायोलाँजी - पेड़ पौधों के पोषण से संबंधित विज्ञान
5.एयरोबायोलाँजी - उड़नेवाले जन्तुओं का अध्ययन
6.एरेक्नोलाँजी - मकड़ियों का अध्ययन का विज्ञान
7.एथनोलाँजी - मनुष्य जातियों का अध्ययन
9.एन्थोलाँजी - फूलों का अध्ययन का विज्ञान
10.एग्रोस्टोलाँजी - घासों का अध्ययन संबंधी विज्ञान
11.एनाटॉमी - पौधों का आंतरिक संरचना का अध्ययन
12.एग्रोनाँमी - फसल पादपों का अध्ययन
13.एन्थ्रोपोलाँजी - मानव के विकास, इतिहास परम्पराओं                              एवं रीति रिवाजों से संबंधित विज्ञान
14.बायोनिक्स - पशुओं के तंत्रिकातंत्र का गहराई से अध्ययन
15.बैक्टीरियोलाँजी - जीवाणु का अध्ययन
16.साइटोलाँजी - कोशिका एवं उनके अवयवों का अध्ययन
17.साइटोजेनिक्स - कोशिका एवं आनुवंशिकी का अध्ययन
18.किमोथेरेपी - रासायनिक योगिकों द्वारा रोगों का उपचार
19.काँन्कोलाँजी - घोघा का अध्ययन का विज्ञान
20.कार्डियोलॉजी - हृदय की संरचना व कार्यविधीका विज्ञान

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वर्ण- वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते है, जिसके खंड या टुकड़े नहीं हो सकते हैं। जैसे - अ,आ,इ,ई,क्,ख्,य्,र् आदि ।                           वर्णमाला वर्णों के क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में 52 वर्ण या ध्वनियाँ प्रयुक्त होता हैं - 1.अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औ - स्वर (11)  अं (अनुस्वार ),अः (विसर्ग ) - अयोगवाह (2) 2.'क ' से लेकर ' म ' तक को " स्पर्श व्यंजन ".कहते हैं।  य,र,ल,व  -  अंतःस्थ व्यंजन ( 4 )  श,ष,स,ह  - ऊष्म व्यंजन  ( 4 )  क्ष,त्र,ज्ञ,श्र - संयुक्त व्यंजन ( 4 ) ड़ , ढ़      -  हिन्दी के अपने व्यंजन ( 2 ) नोट - व्यंजन वर्णों में उच्चारण कि सुविधा के लिए 'अ' स्वर मिला कर लिखा जाता हैं। इनके शुद्ध रूप - क्,ख्,ग् आदि । वर्ण का भेद - वर्ण के दो भेद हैं - (a) स्वर और  (b)व्यंजन (a) .स्वर वर्ण - स्वर उन वर्णौं को कहते हैं, जिनका उच्चारण स्वतः होता हैं। जैसे - अ,आ,इ,ई (क) ह्रस्व - अ,इ,उ एवं ऋ ह्रस्व स्वर हैं। इन्हें मूल...

संधि

1.संधि - दो अक्षरों के आपस में मिलाने से उनके रूप और उच्चारण में जो परिवर्तन होता हैं उसे संधि कहते हैं, जैसे - गण +ईश = गणेश 2.संधि-विच्छेद -जिन अक्षरों के बीच संधि हुई हैं यदि उन्हें संधि के पहले वाले रूप में अलग अलग करके रखा जाए तो उसे संधि-विच्छेद कहते हैं। जैसे -  गणेश - गण+ईश संधि के तीन भेद होता हैं- (क) स्वर संधि ,(ख) व्यंजन संधि ,(ग) विसर्ग संधि (क) स्वर संधि : दो स्वरों के आपस में मिलने से जो रुप परिवर्तन होता हैं, उसे स्वर संधि कहते हैं। जैसे - भाव+अर्थ = भावार्थ (एक भाव शब्द के 'व' का 'अ' दूसरा अर्थ शब्द का 'अ' मिलकर भावार्थ शब्द के 'वा' का 'आ' बनाते हैं)  स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं - (a).दीर्घ संधि - ह्रस्व स्वर (अ,इ,उ) या दीर्घ स्वर (आ,ई,ऊ) के आपस में मिलने से यदि सवर्ण या उसी जाति के दीर्घ स्वर की उतप्ति होता हो उसे दीर्घ स्वर कहते हैं। जैसे -पुस्तक+आलय =.पुस्तकालय (अ+आ =आ)      भाव+अर्थ = भावार्थ  (अ+अ =आ) (b).गुण संधि - यदि अ या आ के बाद इ/ई,उ/ऊ.अथवा ऋ स्वर आता हैं तो दोनों के मिलने से क्रमशः 'ए' ,'...

राष्ट्रीय आय /National Income

आय - कोई व्यक्ति जब कोई शारिरिक या मानसिक कार्य करता है और उसके लिए उसे आर्थिक भुगतान अथवा परिश्रमिक मिलता हैं, आय कहलाता है। 1.राष्ट्रीय आय और प्रतिव्यक्ति आय की गणना करने का प्रथम प्रयास किसने किया - दादाभाई नौरोजी 2. property and un-British Rule in India के लेखक कौन थे - दादा भाई नारौजी 3.सर्वप्रथम किस अर्थशास्त्री उत्पाद गणना विधि और आय   गणना विधि के आधार पर राष्ट्रीय आय प्रस्तुत की - V.K.R.राव 4.स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात केंद्रीय सरकार ने राष्ट्रीय आय समिति की स्थापना कब और इसके अध्यक्ष कौन थे - 4 अगस्त 1949  मे P.C. महालनोबिस कि अध्यक्षता मे 5.राष्ट्रीय आय समिति ने अपना प्रथम और अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की - प्रथम 1951 मे एवं अंतिम 14 फरवरी1955 में 6.राष्ट्रीय आय का आंकलन कौन करता है - केन्द्रीय   सांख्यिकी संगठन (CSO) 7.केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन कि गठन कब हुआ - 2 मई 1951 मे 8.CSO का मुख्यालय कहाँ  है - दिल्ली 9.उद्योग क्षेत्र मे सर्वे और सांख्यिकी कार्यों हेतु केन्द्रीय साख्यिकी संगठन की शाखा कहा स्थित हैं - कलकत्ता 10.किसी देश के अर्थव...